उत्तराखंडः इस तरह बालिका वधू बनने से बच गई किशोरी, पुलिस ने किया ये काम

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उत्तराखंड में बाल विवाह के खिलाफ पुलिस और सामाजिक संस्थाओं द्वारा किए जा रहे जागरूकता अभियानों के बावजूद बाल विवाह की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। हाल ही में, पिथौरागढ़ जिले में एक 14 वर्षीय छात्रा ने यह जानकारी पुलिस को दी कि उसके परिजनों ने उसकी शादी तय कर दी है। इसके बाद थाना जाजरदेवल पुलिस टीम ने तुरंत स्कूल पहुंचकर मामले की जांच की और किशोरी एवं उसके परिवार की काउंसलिंग की। पुलिस ने बाल विवाह के कानूनी पहलूओं के बारे में परिजनों को गहराई से समझाया और उन्हें कानूनी कार्रवाई के बारे में जानकारी दी।

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यह घटना उस समय सामने आई जब किशोरी को पता चला कि उसके परिवार ने उसकी शादी के लिए योजना बना ली है। लड़की ने इस मामले को तुरंत पुलिस के सामने रखा, जिसके बाद पुलिस ने सक्रिय रूप से कदम उठाते हुए शिक्षक की उपस्थिति में किशोरी से बात की। इसके बाद पुलिस ने किशोरी के घर जाकर उसके परिजनों से भी मुलाकात की और उन्हें बाल विवाह के खिलाफ कानूनों के बारे में अवगत कराया।

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परिजनों ने यह स्वीकार किया कि उन्हें बाल विवाह के कानूनी पहलुओं के बारे में जानकारी नहीं थी और उन्होंने वादा किया कि वे अपनी बेटी की शादी केवल 18 वर्ष की उम्र के बाद करेंगे। पुलिस ने मामले में उचित कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए रिपोर्ट चाइल्ड वेलफेयर कमेटी (सीडब्ल्यूसी) को भेज दी है।

एसपी रेखा यादव ने इस मौके पर लोगों से अपील की है कि वे इस तरह की घटनाओं की सूचना तुरंत पुलिस को दें ताकि समाज में बाल विवाह के खिलाफ जागरूकता बढ़ाई जा सके और बच्चों के अधिकारों का संरक्षण सुनिश्चित किया जा सके। पुलिस की तत्परता और कड़ी कार्रवाई से यह संदेश गया है कि बाल विवाह को किसी भी परिस्थिति में सहन नहीं किया जाएगा।

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