रामनगर – महिला एकता मंच ने भारी बारिश के बीच देश की प्रथम महिला शिक्षिका सावित्रीबाई फुले का जन्म दिवस मनाया।
पायते वाली रामलीला में आयोजित कार्यक्रम में कोरोना लाक डाउन काल के दौरान नि:शुल्क मास्क बनाने वाली 2 दर्जन से भी अधिक महिलाओं को सावित्री बाई फूले की तस्वीर तथा शाल भेंट करके सम्मानित किया गया।
सरस्वती ने कहा कि लॉक डाउन कल के दौरान अप्रैल माह में देश के प्रधानमंत्री जब कोरोना महामारी से लड़ने के लिए ताली-थाली बजाने तथा दीया-मोमबत्ती जलाने का नाटक करवाया जा रहा था तब महिला एकता मंच द्वारा “हम दीया-मोमबत्ती नहीं जलाएंगे, हम कोरोना से लड़ने के लिए मास्क बनायेंगे” अभियान लिया गया था जिससे जुड़ कर दो दर्जन से अधिक महिलाओं ने 5 हजार से अधिक मास्क बनाकर जनता के बीच निःशुल्क वितरित किए थे।
प्रथम सत्र की मुख्य वक्ता दिल्ली से आयीं सीमा ने कहा कि सावित्रीबाई फुले ने देश की लड़कियों को पढ़ाने के लिए पहला स्कूल ही नहीं खोला बल्कि विधवा महिलाओं के उत्थान के लिए भी कई तरीके के कार्यक्रम चलाए। उनके बाल हत्या प्रतिबंधक गृह में 100 से भी अधिक विधवा महिलाओं को संरक्षण दिया गया था। उन्होंने एक ब्राह्मण विधवा महिला के बेटे जसवंत को गोद लेकर उसको पढ़ा लिखा कर चिकित्सक बनाया। 1897 में प्लेग के मरीजों का इलाज करने के दौरान वह स्वयं भी प्लेग से संक्रमित हो गई और इस कारण उनकी मृत्यु हो गई। उन्होंने कहा कि समाज सावित्री बाई फूले का ऋणी है।
मंच की संयोजक ललिता ने कहा कि भारत की सरकारें पुरुष प्रधान मानसिकता से ग्रस्त हैं। यही कारण है कि देश के स्कूल कॉलेजों एवं सरकारी संस्थानों में सावित्रीबाई फुले के जन्मदिवस को सार्वजनिक अवकाश घोषित नहीं किया गया है।
सभा में महिला एकता मंच ने सरकार से मांग की है कि 3 जनवरी सावित्रीबाई फुले के जन्म दिवस तथा 8 मार्च अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस को सार्वजनिक अवकाश घोषित किया जाए।
ग्राम देवीचौड़ की छात्राओं ने पहाड़ा की चेली रे तथा बुक्सा जनजाति समाज की छात्राओं ने औरतों ने जब भी अपनी दुनिया को बदलना चाहा गीत की प्रस्तुति की।
डीयू की छात्रा सौम्या एवं विंध्या ने जन कवि नागार्जुन की कविता मंत्र पर नृत्य का शानदार प्रस्तुतीकरण किया।
कार्यक्रम के अंत में साइंस फार सोसायटी द्वारा समाज में व्याप्त अंधविश्वासों को दूर करने के लिए विभिन्न प्रकार के चमत्कारों का प्रदर्शन कर उनका बाद में खुलासा भी किया।
सोसाइटी के मदन एवं वीर सिंह में जलते अंगारे मुंह के अंदर रखने तथा त्रिशूल को जीभ के आर-पार कर देने जैसे आश्चर्य चकित कर देने वाले करतब दिखाएं।
अंत में कौशल्या ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि महिला एकता मंच का महिलाओं की बराबरी, सम्मान व सुरक्षा के लिए संघर्ष जारी रहेगा।
कार्यक्रम में सैकड़ों महिलाओं ने भागीदारी की।


