महिला एकता मंच द्वारा किशोरी जेंडर प्रशिक्षण कार्यशाला का कियाआयोजन,50 से अधिक किशोरियों ने की भागीदारी।।

ख़बर शेयर करें -

महिला एकता मंच द्वारा किशोरी जेंडर प्रशिक्षण कार्यशाला का कियाआयोजन, 50 से अधिक किशोरियों ने की भागीदारी।।

रामनगर-महिला एकता मंच द्वारा पर्वतीय सभा लखनपुर में किशोरी जेंडर प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में 14 वर्ष से अधिक की उम्र वाली 50 से अधिक किशोरियों ने भागीदारी की।

कार्यशाला में प्रतिभाग कर रही किशोरियों ने कहा कि जन्म के साथ ही हम लड़कियों के साथ भेदभाव शुरू हो जाता है। शिक्षा खानपान संपत्ति के अधिकार से लेकर हर क्षेत्र में हम लड़कियों के साथ भेदभाव किया जाता है।

किशोरियों को प्रशिक्षण देने के लिए दिल्ली से कार्यशाला में पहुंची सीमा सैनी ने कहा कि आज के इस आधुनिक युग में लड़कियां किसी भी मामले में लड़कों से कम नहीं है। प्रकृति ने महिला और पुरुष में भेद किया है परंतु हमारे समाज ने इस भेद को भेदभाव में तब्दील कर दिया है।

यह भी पढ़ें 👉  कोटाबाग में फायरिंग से दहशत, अज्ञात युवक ने मचाया हड़कंप

पंचायती राज में चुनकर पहुंची महिलाओं के कामकाज को भी उनके पति चला रहे हैं। प्रधान पति जैसे शब्द शासन प्रशासन में स्वीकार्य हो चुके हैं।

महिला एकता मंच की संयोजिका ललिता रावत ने कहा कि संविधान में लड़कियों एवं महिलाओं को बराबरी का अधिकार हासिल है परंतु आज भी देश की संसद और विधानसभाओं में महिलाओं की संख्या पुरुषों के मुकाबले काफी कम है।

यह भी पढ़ें 👉  जन-जन की सरकार का कमाल! पेयजल, सड़क, विद्युत और स्वास्थ्य की समस्याओं का मौके पर हल

कार्यशाला में किशोरियों के ग्रुप बनाकर उनसे चार्ट पेपर के माध्यम से लड़का और लड़कियों के भेदभाव के बारे में प्रश्न पूछा गये जिस पर किशोरियों ने कहा कि जब परिवार में बेटी पैदा होते हैं तो खुशियां मनाई जाती हैं।

सब लोग एकत्र होते हैं और जब बेटी पैदा होती है तो इस तरह के आयोजन देखने को नहीं मिलते हैं। बेटों को पढ़ाने पर जोर दिया जाता है और लड़कियों को घर के कामों में लगा दिया जाता है।

यह भी पढ़ें 👉  एम.पी. हिन्दू इंटर कॉलेज रामनगर के दो विद्यार्थियों का राष्ट्रीय बास्केटबॉल प्रतियोगिता के लिए चयन

साइंस फॉर सोसाइटी की ऊषा पटवाल ने कहा कि महिला और पुरुष के बीच में जो समाजिक राजनीतिक व आर्थिक भेदभाव पैदा कर दिया गया है, उसको समाप्त किया जा सकता है इसके लिए हम महिलाओं एवं लड़कियों को जागरुक होकर काम करने की जरूरत है।

कौशल्या ने कहा कि भविष्य में भी किशोरियों एवं महिलाओं को जागरूक करने के लिए इस तरह की कार्यशालाओं का आयोजन जारी रहेगा।

कार्यशाला में शार्ट फिल्म जूस दिखाकर उस पर भी चर्चा आयोजित की गई।

Ad_RCHMCT