पब्लिक अस्पतालों में नहीं चलेगी मनमर्जी : डीएम 

ख़बर शेयर करें -

देहरादून। जिलाधिकारी सविन बंसल ने आज ऋषिपर्णा सभागार में राजकीय उप जिला चिकित्सालय ऋषिकेश की प्रबंधन समिति की बैठक आयोजित की। इस दौरान उन्होंने मुख्य चिकित्साधिकारी और उप जिला चिकित्सालय के चिकित्सकों से अस्पताल में मरीजों और तीमारदारों की समस्याओं के समाधान के लिए सख्त निर्देश दिए। 

जिलाधिकारी ने कहा कि अस्पतालों में उपलब्ध सुविधाओं का लाभ जनमानस को मिलना चाहिए और यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि मरीजों को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े। उन्होंने अस्पताल के आईसीयू के बंद होने पर कड़ी नाराजगी जताई और 15 दिन के भीतर आईसीयू को फिर से चालू करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही उन्होंने आईसीयू के संचालन में लापरवाही पर सख्त कार्यवाही की चेतावनी भी दी। 

यह भी पढ़ें 👉  रेलवे न्यूज:रामनगर-आगरा फोर्ट-रामनगर और काठगोदाम-देहरादून-काठगोदाम एक्सप्रेस ट्रेन को लेकर update

जिलाधिकारी ने अस्पताल में ब्लड बैंक की अलग यूनिट की स्वीकृति भी दी। इसके साथ ही उन्होंने ब्लड बैंक के 24 घंटे संचालन के लिए चार लैब टेक्नीशियन और चार लैब सहायक की तैनाती की स्वीकृति दी। इसके अलावा, अस्पताल को एक एएलएस एंबुलेंस और रक्तकोष में इस्तेमाल होने वाली मशीनरी एवं उपकरणों के लिए भी स्वीकृति दी गई। 

यह भी पढ़ें 👉  गौला नदी की जमीन मुक्त कराने उतरा प्रशासन, अवैध निर्माण ध्वस्त

जिलाधिकारी ने उपजिलाधिकारी और मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देशित किया कि वे अस्पताल का संयुक्त निरीक्षण करें और अस्पताल की व्यवस्थाओं को और भी सुगम बनाएं। उन्होंने यह भी कहा कि अस्पताल में किसी भी प्रकार के उपकरण की कमी नहीं होनी चाहिए और धन की कोई कमी नहीं आने दी जाएगी। 

सीएमओ को निर्देशित करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि उप जिला चिकित्सालय ऋषिकेश और जिला अस्पताल कोरोनेशन ब्लड डोनर यूनिट के तकनीकी परीक्षण के लिए दून अस्पताल से टाईअप करने की दिशा में कार्यवाही की जाए। 

यह भी पढ़ें 👉  Uttrakhand weather-इन चार जिलों में आज भी बारिश की संभावना

जिलाधिकारी ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि अस्पताल के संचालन में कोई भी मनमानी हुई तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने कहा कि निरीक्षण के दौरान जो अव्यवस्थाएं देखी गईं, वे भविष्य में नहीं दिखाई देनी चाहिए। 

बैठक में मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. संजय जैन, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. प्रदीप कुमार चंदोला और समिति के अन्य सदस्य तथा संबंधित अधिकारी भी उपस्थित रहे।