गैरसैंण के विकास के लिए बुलंद आवाज थे स्व. पुरुषोत्तम असनोड़ा।।

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गैरसैंण के विकास के लिए बुलंद आवाज थे स्व. पुरुषोत्तम असनोड़ा।।

श्री भुवनेश्वरी महिला आश्रम की पहल पर गैरसैंण के ब्लॉक सभागार में स्वर्गीय पुरुषोत्तम असनोड़ा स्मृति प्रथम व्याख्यान का आयोजन किया गया।

इस अवसर पर पर्यावरण संरक्षण के लिए विधिक पहलुओं की जानकारी देते हुए देवभूमि विचार मंच के प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर. चैतन्य भंडारी ने कहा कि गैरसैंण का कोई भी व्यक्ति स्व.पुरुषोत्तम असनोड़ा के विचारों से अनछुआ नहीं रह सकता।

इस मौके पर पर्यावरण संरक्षण के लिए विधिक प्रावधान विषय पर व्याख्यान देते हुए डॉ. चैतन्य भंडारी ने कहा कि आज हम जिस विषय पर बात कर रहे हैं, वह इस आयोजन की सार्थकता है।

स्वर्गीय पुरुषोत्तम असनोड़ा जनता की विभिन्न समस्याओं पर आवाज उठाते हुए लगातार पर्यावरण संरक्षण पर भी जोर देते रहे। अपनी दुकान के लिए उन्होंने कभी भी पॉलिथीन बैग का प्रयोग नहीं किया।

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उनके द्वारा दिया जाने वाला झूठ का मजबूत बैग पद्मश्री कल्याण सिंह रावत जी के मैती आंदोलन का प्रचार करता था। उन्होंने कहा कि स्वर्गीय पुरुषोत्तम असनोड़ा ने गैरसैण की जनता को जन आंदोलनों तथा संघर्ष का रास्ता दिखाया। दबे हुए और शोषितों की आवाज बने।

आज इस आयोजन में जो भी बातें हो रही हैं, वह उनके विचारों का ही पुनःप्रेषण ही है।

इस अवसर पर श्री भुवनेश्वरी महिला आश्रम के प्रभारी डिमरी ने कहा कि यायावर जन चेतना समिति का निर्माण कर उन्होंने अपनी वैचारिक चेतना अपने साथियों के समक्ष रखी थी।

नगर पंचायत अध्यक्ष पुष्कर सिंह रावत ने कहा कि स्व. असनोड़ा ने गैरसैण के विकास के लिए जो अलख जगाई, उसे वे आजीवन निभाते चले गए।

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उनके सामाजिक कार्यों को शब्द सीमा में बांधा ही नहीं जा सकता। कर्णप्रयाग से आये सामाजिक कार्यकर्ता उमेश खंडूड़ी ने हर साल वनों में लगने वाली आग पर चिंता जताई।

स्वर्गीय पुरुषोत्तम असनोड़ा के छोटे भाई भैरब दत्त असनोड़ा ने कहा कि उनके भाई ऐसे प्रेरणा पुंज थे, जिनकी एक बार कही हुई बात सर्वमान्य होती।

एडवोकेट बीपी काला ने कहा कि वह एक बेहतरीन वक्ता थे। किसी भी विषय पर वे धाराप्रवाह बोल सकते थे। वे बेहद विद्वान व्यक्तित्व थे। उन्होंने कहा कि 80 के दशक से ही उन्होंने ही गैरसैण के मंचों को संभाला। गैरसैण में जो भी कार्य हुए, उनकी उपस्थिति के साथ ही हुए।

पत्रकार महेश जुयाल ने कहा कि असनोड़ा जी ने ही गैरसैंण वासियों को अखबार के दर्शन कराए। शिक्षक तथा असनोड़ा जी के अनन्य साथी विसर्जन सिंह बुटोला ने कहा कि उनकी वाणी से अमृत निकलता था।

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पूर्व ब्लाक प्रमुख जानकी रावत ने कहा वे मेरे मार्गदर्शक रहे। वे किसी भी व्यक्ति की बड़ी से बड़ी समस्या को सुलझाने का दम रखते थे।

इस अवसर पर पूर्व प्रधान कुसुम लता गैड़ी, स्वर्गीय पुरषोत्तम असनोड़ा की धर्मपत्नी लीला असनोड़ा, सामाजिक कार्यकर्ता हेमा मठपाल, मुकेश मठपाल, अनीता हटवाल, चन्द्रकला जोशी, यशोदा बुटोला, सरिता भंडारी, उषा बिष्ट, एच पी गैस के प्रबंधक हरीश रावत, शकुंतला देवली, रेखा देवी, पुष्पा देवी, कांता देवी, सरिता जोशी, विजयलक्ष्मी आदि शामिल हुए।

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