पेयजल समस्या से जूझ रहा भीमताल का यह गांव, डीएम हुई सख्त

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भीमताल। जिलाधिकारी वंदना सिंह की अध्यक्षता में गुरुवार को विकास भवन भीमताल में ब्लॉक ओखलकांडा और बेतालघाट के ग्राम प्रधानों, ब्लॉक प्रमुख तथा अन्य जनप्रतिनिधियों के साथ उनके क्षेत्र में चल रही जल जीवन मिशन की योजनाओं की समीक्षा हेतु जनसुनवाई  आयोजित की गई।

जिसमें सभी को  जल निगम और जल संस्थान के अधिकारियों के द्वारा जेजेएम तहत हर घर जल, पंपिंग योजना आदि योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी गई और साथ ही ग्राम स्तर पर योजना के क्रियान्वयन में आ रही समस्याओं पर भी चर्चा कर समाधान के निर्देश दिए गए,  जिलाधिकारी ने  इसके लिए अधिशासी अभियंता को फिल्ड अधिकारियों का प्रत्येक योजना के स्थल निरीक्षण हेतु  रोस्टर बनाने को कहा। 

सभी अधिशासी अभियंता और अधीनस्थ अधिकारियों द्वारा ग्राम भ्रमण कर योजना में आ रही समस्याओं पर ग्रामीणों के सुझाव के अनुरूप कार्य किया जाए । जल संस्थान और निगम के अधिकारियों ने बताया कि ओखलकांडा और बेतालघाट में जेजेएम के तहत करीब 147 अधिक योजनाओं में कार्य किया जा रहा है। जिलाधिकारी ने कहा कि जिन इलाकों में कार्य चल रहा हैं उनमें थर्ड पार्टी निरीक्षण के समय स्थानीय जनप्रतिनिधियों और उपभोक्ताओं का फीडबैक अनिवार्य रूप से लिया जाए । जिससे धरातल की वास्तविक स्थिति की रिपोर्ट प्राप्त हो सके ।  

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बैठक में ग्राम प्रधान, प्रतिनिधियों ने मुख्य रूप से खुली पाइप लाइन, देवीय आपदा से लाइन टूटने, छतिग्रस्त, कनेक्शन नहीं मिलने आदि की समस्याओं से अवगत कराया। जिस पर जिलाधिकारी ने कई समस्याओं का मौके पर निस्तारण किया, जबकि अन्य समस्याओं के हल के लिए अधिकारियों को स्थलीय निरीक्षण कर युद्ध स्तर पर कार्य करने के निर्देश दिए। कहा कि मानसून अवधि में लंबित कार्यों के टेंडर या अन्य कागजी कार्यवाही पूरी करें, और मानसून ख़त्म होने के बाद कार्य को बेहतर ढंग और गुणवत्ता के साथ करने को कहा।

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मौना गाँव के प्रधान ने बताया कि देवीय आपदा से कई पाइप लाइन टूट गई है। जिस पर जिलाधिकारी ने सम्बंधित विभाग के अधिकारियों को 10 दिन के भीतर सर्वे कर पाइप लाइनों को दुरुस्त करने के निर्देश दिए।

 ग्रामीणों ने बताया कि मटिला गांव और विद्यालयों में पानी कनेक्शन नहीं है। इस कारण लोगों को समस्या का सामना करना पड़ रहा है। जिस पर जिलाधिकारी ने नाराजगी व्यक्त करते हुए एई से स्पष्टीकरण मांगा और गांव में स्वयं निरीक्षण कर समाधान करवाने के निर्देश दिए। 

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कहा जिन योजनाओं की प्रगति रिपोर्ट 90 प्रतिशत हैं उन पर ईई, 50 से 90 प्रतिशत पर एई और 50 प्रतिशत से कम हुए कार्यों पर जेई को अगले 15 दिन में सभी योजनाओं पर प्रगति लाए जाने के निर्देश दिए, ताकि जो योजनाएं पूर्ण होने की स्थिति में हैं उनकी समस्याओं पर मौके पर ही निर्णय कर समाधान करवाया जा सके । 

जिलाधिकारी ने कहा कि जिन योजनाओं की भौतिक रिपोर्ट 50 प्रतिशत से कम हैं उनमें  ठेकेदार को अंतिम नोटिस देकर कार्य आरंभ न होने पर बॉन्ड निरस्त करने के निर्देश दिए।