लेखपालों ने भरी हुंकार
27 मई से तीन दिन के कार्य बहिष्कार का ऐलान
पर्याप्त मानव व तकनीकी संसाधन उपलब्ध कराने की हुई मांग
बहुत लंबे समय से संसाधनों के अभाव से जूझ रहे मैदानी लेखपालों का गुस्सा अब फूट पड़ा है, मैदानी क्षेत्रों में लगातार जन घनत्व बढ़ने से लेखपाल के बस्ते का बोझ भी लगातार बढ़ता चला गया लेकिन सरकार के द्वारा लेखपालों को पर्याप्त मानव तकनीकी संसाधन उपलब्ध नहीं कराए गए हैं।
उत्तराखंड लेखपाल संघ के प्रदेश महामंत्री तारा चन्द्र घिल्डियाल के द्वारा प्रेस को जारी बयान में बताया गया कि प्रत्येक जनपद में अंश निर्धारण का कार्य सम्पादित किये जाने हेतु राजस्व उपनिरीक्षकों पर उपजिलाधिकारियों, तहसीलदारों व नायब तहसीलदारों द्वारा अनावश्यक दवाब बनाया जा रहा है, जबकि मैदानी जनपदों में भूमि की खरीद फरोख्त ज्यादा होने से अधिकांश खतौनी खाते संयुक्त और जटिल है जिनमें अंश निर्धारण हेतु जनपद के माल अभिलेखागार से भी पुरानी खतौनिया लानी पड़ेगी और मैदानी जनपदों के जिला माल अभिलेखागार और तहसीलो के रिकॉर्ड रूम में धारित अधिकांश खतौनियां जीर्ण-शीर्ण और कटी-फटी हालत में है तथा पुरानी खतौनिया, इंक पेन से लिखी होने से अधिक समय अवधि और नमी व धूल के कारण पठनीय भी नहीं है
इस कारण से यदि लेखपाल जनपद के रिकॉर्ड रूम के पुराने खतौनी अभिलेख को लेकर आएगा और उनको अधिक बार उलटा-पलटा जाएगा तो उक्त पुराना रिकॉर्ड और भी क्षतिग्रस्त हो जाएगा वैसे भी लेखपाल के पास इसके अतिरिक्त भी अन्य महत्वपूर्ण राजकीय कार्यों को समय से पूर्ण करने की जिम्मेदारी भी है। इस समस्या के समाधान हेतु पुराना रिकॉर्ड, खतौनिया लाने की जिम्मेदारी संबंधित खातेदार की होनी चाहिए। लेखपाल पूर्ण मनोयोग से सीमित संसाधनों के साथ अंश निर्धारण व फॉर्मर रजिस्ट्री का कार्य कर रहे है। इसके बावजूद उन पर नियत समय सीमा का दबाव बनाना सर्वथा अनुचित है। 01 मई 2025 को राजस्व परिषद द्वारा वर्ष 2025-26 यानि खरीफ 1433 फसली से डिजिटल क्रॉप सर्वे हेतु प्रत्येक लेखपाल क्षेत्र में न्यूनतम 05 राजस्व ग्रामों का अंश निर्धारण पूर्ण करने का प्रमाणपत्र देने का तुगलकी फरमान जारी किया गया है जो कि संसाधनो के अभाव में सम्पादित किया असम्भव है।
अंश निर्धारण, राज्य में एग्रीस्टैक योजना के अर्न्तगत खरफ मौसम में डिजिटल प्रडताल किये जाने हेतु स्थायी रूप से प्रत्येक राजस्व उप निरीक्षक क्षेत्र में एक-एक डाटा एंट्री ऑपरेटर व तकनीकी सहायक तथा प्रत्येक राजस्व उप निरीक्षक को लैपटॉप, प्रिन्टर, इंटरनेट कनेक्शन आदि आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराने की मांग की गई है।
अतः उक्त के दृष्टिगत राजस्व उपनिरीक्षकों को पर्याप्त मानव व तकनीकी संसाधन उपलब्ध नही कराये जाने की दशा में उत्तराखण्ड लेखपाल संघ द्वारा 27 मई से 29 मई तक प्रदेशव्यापी सम्पूर्ण कार्यबहिष्कार व धरना प्रारम्भ कर दिया जायेगा तथा 29 मई को अग्रिम रणनीति तैयार की जायेगी जिसकी सम्पूर्ण जिम्मदारी उत्तराखण्ड शासन तथा राजस्व परिषद की रहेगी।


