देहरादून। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने दीपावली के शुभ अवसर पर समस्त प्रदेशवासियों को बधाई देते हुए, उनकी सुख समृद्धि की कामना की है । इस दौरान पत्रकारों से मुलाकात में उन्होंने कहा, 500 वर्षों के लंबे इंतजार के बाद अयोध्या में श्री रामलला विराजने वाले हैं। लिहाजा हम सबको देवभूमि से सांस्कृतिक पुनर्जागरण का संदेश घर के मंदिर में दिवाली के दीपक को 22 जनवरी तक जलाकर देना है। साथ ही उन्होंने इस दिवाली को लोकल उत्पाद और सांस्कृतिक परम वैभव लौटने वाली बताया।
यमुना कालोनी स्थित अपने आवास पर पत्रकारों के लिए आयोजित दीपावली मिलन कार्यक्रम में उन्होंने सभी लोगों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दी। इस दौरान कहा कि दीपावली का संबंध प्रकाश और आभा से है। यह पावन पर्व हम सभी के जीवन में खुशी और कल्याण की भावना को आगे बढ़ाता है। उन्होंने उम्मीद जताई, इस दिवाली के उपरांत राज्य की खुशहाली और समृद्धि में चौमुखी वृद्धि करने वाला सुनहरा अवसर ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के रूप में हम सबके सामने है। अब तक हासिल सवा लाख करोड़ के प्रस्ताव के साथ 2.5 लाख करोड़ की संभावनाएं इशारा करती हैं कि इस बार दिवाली का यह उत्सव लंबा होने जा रहा है। इस मौके पर उन्होंने जनवरी में अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का जिक्र करते हुए कहा, इस बार की दीपावली 5 शताब्दी का अंतहीन इंतजार समाप्त करने वाली है। क्योंकि अनगिनत पीढ़ियों के बाद शीघ्र ही श्री रामलला के चरणों में दीप प्रज्वलित करने का अवसर मिलने वाला है।
सनातन संस्कृति में नए प्राणों की प्रतिष्ठा करने वाली इस ऐतिहासिक दैवीय उपलब्धि ने वर्तमान पीढ़ी की इस दीपावली को बेहद अदभुत और यादगार बना दिया है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश दुनिया में चल रहे सनातनी संस्कृति पुनजागरण के इस महा अभियान से देश का परम वैभव वापिस लौट रहा है। श्री भट्ट ने कार्यक्रम मे कहा कि श्री राम जन्मभूमि मंदिर के निर्माण के ऐतिहासिक अवसर पर देवभूमि से सनातन संस्कृति के पुनर्जागरण का संदेश जाना चाहिए । इसके लिए उन्होंने सभी प्रदेशवासियों अपील की कि हमे दीपावली के दिन घर के मंदिर के दीपक को मंदिर प्राण प्रतिष्ठा की तारीख 22 जनवरी तक जलाए रखते हुए दीपावली के हर्षाउल्लास को कायम कायम रखना है। उन्होंने सभी लोगों से पीएम की लोकल फॉर वोकल की भावना को आगे बढ़ाने का आग्रह भी किया। उन्होंने कहा, त्यौहार हो या अन्य कोई भी अवसर हमे स्थानीय उत्पादों को अधिक से अधिक महत्व देना होगा। इसी तरह घूमने जाए तो लोकल डेस्टीनेसन को अपने यात्रा रूट में पहले शामिल करें। उन्होंने संदेश दिया कि ये दिवाली लोकल वाली और सांस्कृतिक परम वैभव लौटाने वाली है।