रामनगर-हमारी संस्कृति हमारी पहचान कार्यक्रम के तहत आज़ स्किल हंटर्स रामनगर के तत्वाधान मे, संरक्षक भुवन सिंह डंगवाल के नेतृत्व मे ऐपण प्रतियोगिता का कार्यक्रम किया गया,ऐपण भारतीय हिमालय में कुमाऊं से उत्पन्न एक स्थापित-अनुष्ठानवादी लोक कला है ।
यह कला मुख्यतः विशेष अवसरों, घरेलू समारोहों और अनुष्ठानों के दौरान की जाती है।माना जाता है कि यह एक दैवीय शक्ति का आह्वान करता है जो अच्छा भाग्य लाती है और बुराई को रोकती है।यह कला विशेष है क्योंकि यह खाली दीवारों पर बनाई जाती है, जिनका रंग ईंट जैसा लाल होता है, जिन्हें गेरू कहा जाता है ।वास्तविक कला चावल के आटे से बने सफेद पेस्ट से की जाती है । यह कला अक्सर पूजा कक्षों और घरों के प्रवेश द्वारों के फर्श और दीवारों पर दिखाई देती है।
इसका अभ्यास अधिकतर कुमाऊंनी महिलाएं भी करती हैं। कला का बहुत बड़ा सामाजिक, सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व है।कार्यक्रम मे अतिथि दिनेश चंद्र जोशी, नवेंदु मठपाल, विनोद पपने , अमित लोहनी, भावना भट्ट , जगदीश तिवारी , तरुण जोशी आदि रहे, कार्यक्रम स्किल हंटर्स के निदेशक भुवनेश जोशी प्रबन्धक प्रेम सिंह बोरा व संरक्षक भुवन सिंह डंगवाल के नेतृत्व मे किया गया।
कार्यक्रम मे लगभग 30 छात्राओं और महिलाओ ने प्रतिभाग किया, कार्यक्रम मे श्री अंशुल कश्यप व अलका खाती जी निर्णायक की भूमिका मे रहे,कार्यक्रम मे सभी अतिथियों व अभिभावको द्वारा पहाड़ी संस्कृति पर हो रहे कार्यक्रम की बहुत प्रशंसा की गयी,जिस हेतु संस्था के सदस्यों द्वारा सभी का आभार व्यक्त किया गया।अंत मे संस्था द्वारा प्रतियोगिता भाग लेने वाले प्रतिभागियो को प्रथम, द्वितीय व तृतीय पुरुस्कार दिए गए।