कृष्ण-सुदामा मिलन चरित्र सुनकर भाव विभोर हुए श्रद्धालु

ख़बर शेयर करें -

हल्द्वानी। काठगोदाम शीशमहल स्थित एक बैंकट हॉल में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के सातवें दिवस पर कृष्ण सुदामा मिलन का बहुत ही मार्मिक प्रसंग सुनाया गया।

कथावाचक खेमराज पंत द्वारा मुनी सुखदेव द्वारा राजा परीक्षित को दिए जा रहे उपदेश के संदर्भ में परीक्षित द्वारा यह प्रश्न किए जाने पर की क्या कोई ऐसा भी इस जगत में है जो भगवान का भक्त भी हो और मित्र भी हो तब सुखदेव मुनि उसे एक ऐसे परम चरित्र वाले व्यक्ति अर्थात सुदामा की कथा सुनाते हैं, जो भगवान श्रीकृष्ण का परम भक्त भी है और मित्र भी इस प्रसंग के माध्यम से भगवान ने यह संदेश दिया है कि वह भाव के भूखे हैं और भाव से उन्हें प्राप्त किया जा सकता है। अपने भक्तों के भाव के आधार पर ही वे तमाम युगों में अवतार लेते है।

यह भी पढ़ें 👉  रामनगर-दीजिए बधाई,भूगोल विभाग की शोध छात्रा रश्मि बनी असिस्टेंट प्रोफेसर

उन्होंने भगवान के स्वधाम प्रस्थान की भी कथा सुनाते हुए कहा कि धर्म की स्थापना और धर्म के विनाश के बाद भगवान अपनी लीला समाप्त कर बैकुंठ धाम पहुंच जाते हैं और अपना स्वरूप श्रीमद्भागवत पुराण में रख देते हैं, अर्थात श्रीमद्भागवत भगवान कृष्ण का ही साक्षात स्वरूप है। इस अवसर पर मुख्य आयोजक मोहित बिष्ट ने बताया कि सोमवार को पूर्णाहुति हवन अनुष्ठान एवं कन्या पूजन के बाद विशाल भंडारे का आयोजन किया जाएगा।