शिक्षकों ने आंदोलन के पक्ष में जाहिर की एकजुटता,गाए गीत………………

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चन्द्रशेखर जोशी

रामनगर-राजकीय शिक्षक संघ की प्रांतीय कार्यकारिणी के आह्वान पर चल रहे शैक्षिक सत्याग्रह आंदोलन के पक्ष में शिक्षक अब  जनगीत गा एकजुटता जाहिर कर रहे हैं।राजकीय इंटर कालेज ढेला में मध्यांतर में हुए एक ऐसे ही कार्यक्रम में शिक्षिका पद्मा,जया बाफिला और उषा पवारने नेतृत्व में सामूहिकता के साथ जनगीत गाए।उपस्थित शिक्षकों द्वारा हीरा सिंह राणा के गीत लस्का कमर बांधा, नरेंद्र सिंह नेगी के गीत मुट्ट बोटिक रख,गिरीश तिवारी गिर्दा के गीत जैंता एकदिन त आल,शलभ श्रीराम के गीत अब होकर रहेगा उजाला का गायन किया।

इस अवसर पर उपस्थित शिक्षकों को संबोधित करते हुए शिक्षक संघ के प्रांतीय नेता ,पूर्व मंडलीय मंत्री नवेंदु मठपाल ने कहा शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को धमकी भरी भाषा में पत्र जारी कर आंदोलनरत शिक्षकों को  धमकाने के बजाय समस्याओं का समाधान करना चाहिए।प्रधानाचार्यों के आधे से अधिक पद खाली हैं,शिक्षकों को शिक्षण के बजाय वह काम करना पढ़ रहा है जिससे बच्चों की पढ़ाई में व्यवधान पैदा हो रहा है।

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श्री मठपाल ने कहा उत्तराखंड के 1300 में से 800 विद्यालय प्रधानाचार्य विहीन हैं। विभिन्न विषयों में शिक्षकों की भारी कमी है और शिक्षकों से शिक्षण और शैक्षणिक कार्यों से इतर तमाम तरह के गैर शैक्षणिक कार्य विभाग द्वारा लिए जाते हैं। जन गणना, बाल गणना, BLO, चुनाव, तमाम प्रतियोगिताएं, कार्यशालाएं सब शिक्षकों के जिम्मे हैं, जबकि स्कूलों में शिक्षकों की पहले ही कमी बनी हुई है।  पिछले 6 वर्षों से विभाग में पदोन्नति नहीं हुई है।

यह अनूठा आंदोलन इस रूप में है कि उत्तराखंड के कक्षा 6 से 12 तक पढ़ाने वाले सभी राजकीय शिक्षकों ने यह फैसला लिया है कि वे अपनी 35 सूत्री मांगों के पूरे होने तक, सिर्फ पढाएंगे। कोई भी गैर शैक्षणिक कार्य नहीं करेंगे। यानी अपनी मांगों के लिए शिक्षक कार्य बहिष्कार के बजाय अपने मूल कार्य को और मजबूती और बेहतर तरीके से करने का संकल्प लेकर डटे हुए हैं। शिक्षक अपनी कक्षाओं में नियमित पढ़ा रहे हैं, खेल रहे हैं, रचनात्मक काम बच्चों के साथ मिलकर कर रहे हैं, सिर्फ गैर शैक्षणिक कार्यों का बहिष्कार कर रहे हैं, क्योंकि पिछले कुछ वर्षों में इन गैर शैक्षणिक कार्यों के चलते विभाग ने शिक्षक को केवल डाकिया बनाकर छोड़ दिया है। जो शिक्षकों को कर्तव्य का पाठ पढ़ा रहे हैं कोई उनसे पूछे कि कि किसकी कर्तव्य निष्ठा के चलते 60% से अधिक स्कूल मुखिया विहीन हैं? किसकी कर्तव्य निष्ठा के चलते अटल विद्यालय बर्बादी की कगार पर खड़े हैं? किसकी कर्तव्य निष्ठा के चलते 6 वर्षों से पदोन्नति लम्बित हैं? किसकी कर्तव्य निष्ठा के चलते विभाग तमाम मुकदमों से जूझ रहा है? किसकी कर्तव्य निष्ठा के चलते आधे साल तक गरीब बच्चों के पास किताबें नहीं पहुंचती? किसकी कर्तव्य निष्ठा के चलते स्कूलों में विषय विसंगति है?

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पूर्व ब्लाक उपाध्यक्ष बालकृष्ण ने कहा शिक्षक ने शैक्षणिक कार्य का बहिष्कार तो किया ही नहीं! अपना कार्य तो वे पूर्ण मनोयोग से कर ही रहे हैं। फिर उनका दमन क्यों?  उन्होंने कहा शिक्षक झुकेंगे नहीं, अपने नेतृत्व और संगठन के साथ डटे रहेंगे।
इस मौके पर मनोज जोशी,सी पी खाती,नवेंदु मठपाल,दिनेश निखुरपा,नफीस अहमद,पद्मा,शैलेंद्र भट्ट,महेंद्र आर्या,नरेश कुमार,प्रदीप शर्मा,उषा पवार,बालकृष्ण चंद्र, जया बाफिला,सुभाष गोला मौजूद र