राजकीय इंटर कालेज ढेला के शिक्षक शिक्षिकाओं और बच्चों द्वारा गांव में तिरंगा यात्रा निकालते हुए सभी ग्रामवासियों से अपने घरों पर तिरंगा झंडा लगाने का आह्वान किया गया।
तिरंगा यात्रा निकलने से पूर्व बच्चों को जानकारी देते हुए अंग्रेजी प्रवक्ता नवेंदु मठपाल ने बताया कि भारत के राष्ट्रीय ध्वज जिसे तिरंगा भी कहते हैं, तीन रंग की क्षैतिज पट्टियों के बीच नीले रंग के एक चक्र द्वारा सुशोभित ध्वज है। इसकी अभिकल्पना पिंगली वैंकैया ने की थी।इसे 15 अगस्त 1947 को अंग्रेजों से भारत की स्वतंत्रता के कुछ ही दिन पूर्व 22 जुलाई, 1947 को आयोजित भारतीय संविधान-सभा की बैठक में अपनाया गया था।
इसमें तीन समान चौड़ाई की क्षैतिज पट्टियाँ हैं, जिनमें सबसे ऊपर केसरिया रंग की पट्टी जो देश की ताकत और साहस को दर्शाती है, बीच में श्वेत पट्टी चक्र के साथ शांति और सत्य का संकेत है ओर नीचे गहरे हरे रंग की पट्टी देश के शुभ, विकास और उर्वरता को दर्शाती है। ध्वज की लम्बाई एवं चौड़ाई का अनुपात 3:2 है। सफेद पट्टी के मध्य में गहरे नीले रंग का एक चक्र है जिसमें 24 आरे (तीलियां) होते हैं।
यह इस बात प्रतीक है भारत निरंतर प्रगतिशील है| इस चक्र का व्यास लगभग सफेद पट्टी की चौड़ाई के बराबर होता है व इसका रूप सारनाथ में स्थित अशोक स्तंभ के शेर के शीर्षफलक के चक्र में दिखने वाले की तरह होता है। भारतीय राष्ट्रध्वज अपने आप में ही भारत की एकता, शांति, समृद्धि और विकास को दर्शाता हुआ दिखाई देता है।
गांव भ्रमण करते हुए बच्चों द्वारा जीव विज्ञान प्रवक्ता सी पी खाती,प्रदीप शर्मा, जया बाफिला के दिशा निर्देशन में विजयी विश्व तिरंगा प्यारा समेत अनेकानेक देशभक्ति के गीत भी गाए गए।प्रधानाचार्य श्रीराम यादव के नेतृत्व में निकली इस तिरंगा यात्रा रैली में मनोज जोशी,नवेंदु मठपाल,सी पी खाती, शैलेंद्र भट्ट भट्ट,संत सिंह,नफीस अहमद अहमद, हरीश कुमार,दिनेश निखुरपा, पद्मा.बालकृष्ण चंद,सुभाष गोला, जया बाफिला,उषा पवार,संजीव कुमार,प्रदीप शर्मा, नरेश सागर,सविता रावत मौजूद रहे।