रामनगर मे पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भगत सिंह की मूर्ति के समक्ष रखा मौन व्रत, जानिये कारण

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Corbetthalchalरामनगर-प्रदेश भर में मलिन बस्तियों के नियमितीकरण की मांग को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने शहीद भगत सिंह की मूर्ति के समक्ष मौन व्रत रखकर अपना विरोध जताया।

अपने दस दिवसीय कुमाऊं भ्रमण कार्यक्रम के दौरान रामनगर पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का भवानीगंज में कार्यकर्ताओं ने माल्यार्पण कर भव्य स्वागत किया। जिसके बाद कार्यकर्ताओं के साथ शहीद भगत सिंह की मूर्ति के समक्ष 31 मिनट के मौन व्रत पर बैठ गए। यहां उन्होंने कहा कि देहरादून की एलिवेटेड रोड के कारण रिस्पना व विंदाल नदियों के किनारे पर वर्षों से बसे हुए लोग अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं। सरकार की ओर से उनके बिना किसी पुनर्वास की योजना के उनके आवासों पर लाल निशान लगाकर उनमें खौफ का माहौल पैदा किया जा रहा है।

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सरकार की गलत नीतियों के कारण प्रदेश भर की मलिन बस्तियों में रहने वाले लाखों लोगों में भय बना हुआ है। जबकि हमने अपने कार्यकाल में मलिन बस्तियों का सर्वेक्षण कर विधानसभा से कानून पास कर इन बस्तियों में रहने वाले लोगों को मालिकाना हक देने का खाका तैयार किया था। इस कानून के प्रभाव में आने तक जो भी लोग जन बस्तियों में बसे हुए हैं वह इस कानून के तहत संरक्षित हैं। उन्हें बिना मुआवजा दिए तथा उचित स्थान पर पुनर्वासित किये बिना हटाया नहीं जा सकता।

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हल्द्वानी के वनभूलपुरा और ढोलक बस्ती में रहने वाले लोगों को इसी कानून के तहत पूर्व में राहत मिल चुकी है। रावत ने सरकार से वर्ग 4 से लेकर वर्ग 10 ख तक की भूमि पर बसे लोगों का नियमितीकरण करने की मांग की है।

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इस मौके पर पालिकाध्यक्ष मौ. अकरम, पूर्व ब्लॉक प्रमुख संजय नेगी, शेर सिंह लटवाल, आनन्द रावत, ताईफ खान, डॉ. निशांत पपनै, विकास डंगवाल, ललित मोहन बिष्ट, शेख सलीम, नारायण सिंह रावत, उस्मान सिद्दीकी, आनंद रावत, महिपाल डंगवाल सहित कई लोग मौजूद रहे।

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