भाजपा में टिकट की नाराजगी से नगर निगम चुनाव में बगावत की स्थिति

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उत्तराखंड में नगर निगम चुनाव को लेकर भाजपा के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं, क्योंकि पार्टी के कई प्रमुख नेता टिकट न मिलने से नाराज हो गए हैं और अब उन्होंने पार्टी विरोधी उम्मीदवार के रूप में नामांकन दाखिल कर दिए हैं। भाजपा संगठन द्वारा अधिकृत प्रत्याशियों की सूची जारी होने के बाद पार्टी में असंतोष फैल गया है। 

आरोप है कि भाजपा में कुछ नेताओं का टिकट काटकर पार्टी में करीबी संबंध रखने वालों को टिकट दे दिए गए हैं। इस बगावत में महिला मोर्चा की मंडल अध्यक्ष माधवी गुप्ता, जिला उपाध्यक्ष महिला मोर्चा सुंदरी कंडवाल, महिला मोर्चा की दो बार जिला उपाध्यक्ष रही रोमा सहगल, और निवर्तमान पार्षद मनीष बनवाल समेत आधा दर्जन से ज्यादा नेता शामिल हैं।

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इन नेताओं का आरोप है कि उनके टिकट काटने के पीछे पार्टी के अंदर गहरे राजनीतिक समीकरण काम कर रहे हैं। निवर्तमान पार्षद और महिला मोर्चा की जिला उपाध्यक्ष सुंदरी कंडवाल ने खुलासा करते हुए कहा कि भाजपा जिला अध्यक्ष ने निजी संबंधों के आधार पर उनका टिकट काट दिया और अपने करीबी को टिकट दे दिया। कंडवाल ने कहा, “पिछली बार जनता का भारी समर्थन प्राप्त करने के बावजूद मेरा टिकट काटा जाना मुझे समझ से परे है। मैं नामांकन दाखिल कर चुकी हूं और अब मैं चुनाव लडूंगी।”

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महिला मोर्चा की दो बार जिला उपाध्यक्ष रही रोमा सहगल भी टिकट कटने से नाराज हैं। उनका कहना था कि कई पार्टी नेताओं ने उनके लिए समर्थन जताया था, फिर भी उनका टिकट काटा गया। रोमा ने पार्टी से लिखित में जवाब मांगा था, लेकिन अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। उन्होंने भी साफ तौर पर कहा कि वे चुनावी मैदान में उतरने के लिए तैयार हैं और नामांकन दाखिल कर चुकी हैं।

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इसके अलावा, महिला मोर्चा की मंडल अध्यक्ष माधवी गुप्ता ने भी अपना नामांकन दाखिल कर दिया है। उनके नामांकन दाखिल करने के बाद भाजपा महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष कविता शाह और मेयर के अधिकृत प्रत्याशी शंभू पासवान उनके घर पहुंचे, लेकिन अब तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि इस मुलाकात में उनकी नाराजगी को कैसे सुलझाया गया।