सीएम हेल्पलाइन मायने मेरी – जनशिकायतों के समाधान में लापरवाही नहीं चलेगी: जिलाधिकारी

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Corbetthalchal देहरादून-मुख्यमंत्री हेल्पलाइन से प्राप्त जनशिकायतों के गुणवत्तापूर्ण और समयबद्ध निस्तारण को लेकर आज ऋषिपर्णा सभागार, कलेक्ट्रेट में जिलाधिकारी सविन बंसल की अध्यक्षता में एक समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में डीएम ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि “सीएम हेल्पलाइन मायने मेरी – यह हम सभी अफसरों और विभागों की जवाबदेही का विषय है।”


जिलाधिकारी ने कहा कि हेल्पलाइन की ओर वही व्यक्ति रुख करता है जो व्यथित, आकुल और परेशान होता है। ऐसे में सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को संवेदनशील होकर जनशिकायतों को गंभीरता से लेना होगा।


लंबित शिकायतों पर जताई सख्त नाराजगी
समीक्षा के दौरान 2023-24 की शिकायतों पर गौर किया गया, जिसमें कई विभागों की शिकायतें 36 दिन से अधिक समय से लंबित पाई गईं। इस पर जिलाधिकारी ने कड़ी नाराजगी जताते हुए संबंधित विभागों को 03 दिन के भीतर सभी लंबित और टाइमबार्ड शिकायतों का समाधान सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने चेतावनी दी कि समयावधि में समाधान न होने पर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
डीएम बंसल ने एक-एक विभाग की लंबित, टाइमबार्ड और नासूर बन चुकी शिकायतों को स्वयं पोर्टल पर खोलकर जांचा। उन्होंने कहा कि सीएम हेल्पलाइन पर आने वाली शिकायतों का समाधान मात्र एक प्रक्रिया नहीं, बल्कि सुशासन की पहचान है।

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गुणवत्तापूर्ण निस्तारण और फीडबैक रिपोर्ट अनिवार्य
जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि समाधान के बाद शिकायतकर्ता से फीडबैक लेकर रिपोर्ट देखें और यह सुनिश्चित करें कि शिकायत का समाधान संतोषजनक हुआ है। बार-बार प्राप्त होने वाली शिकायतों पर विशेष ध्यान देते हुए उनका स्थायी समाधान करने के निर्देश भी दिए गए।

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तकनीकी दक्षता की भी अपील
बैठक में डीएम ने कहा कि राज्य सरकार की अधिकांश सेवाएं अब ऑनलाइन हो रही हैं। सभी अधिकारियों और कार्मिकों को तकनीकी रूप से अद्यतन रहना होगा ताकि जनसेवाओं में गति और पारदर्शिता लाई जा सके।


विभिन्न विभागों की लंबित शिकायतें
प्राप्त जानकारी के अनुसार सीएम हेल्पलाइन पोर्टल पर जिन विभागों की शिकायतें लंबित हैं, उनमें पुलिस विभाग (478), यूपीसीएल (361), जल संस्थान (276), लोनिवि (252), नगर निगम (244), शहरी क्षेत्र विकास एजेंसी (204), आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय (229), आयुष्मान योजना (198), यूटीयू (145), भू-अभिलेख (88), पेयजल निगम (84), एमडीडीए (78), पर्यावरण बोर्ड (59), वन विभाग (45), सिंचाई विभाग (61), और अन्य शामिल हैं।

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बैठक में ये रहे मौजूद
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह, प्रभागीय वनाधिकारी नीरज शर्मा, अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) के.के. मिश्रा, उप नगर आयुक्त गोपालराम बिनवाल, जिला विकास अधिकारी सुनील कुमार, मुख्य शिक्षा अधिकारी विनोद कुमार ढौंडियाल, अपर मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. राजीव दीक्षित, तथा संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

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