आयुक्त की हिदायत- नशा मुक्ति केंद्र में न करें मानसिक रोगियों का इलाज

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हल्द्वानी। कैम्प कार्यालय में आयुक्त/सचिव मुख्यमंत्री दीपक रावत ने शनिवार को जनसुनवाई का आयोजन किया, जहां उन्होंने विभिन्न शिकायतों का मौके पर ही समाधान किया। इस जनसुनवाई में सबसे अधिक शिकायतें भूमि विवाद, पारिवारिक झगड़े, अतिक्रमण और वित्तीय मुद्दों से संबंधित आईं।

आयुक्त श्री रावत ने नशा मुक्ति केंद्रों के संचालन पर चिंता जताते हुए कहा कि मानसिक रूप से बीमार व्यक्तियों को नशा मुक्ति केंद्रों में रखना अनुचित है। उन्होंने नशा मुक्ति केंद्रों के संचालकों को सख्त निर्देश दिए कि ऐसे व्यक्तियों का सही उपचार मनोचिकित्सक से कराया जाए। यदि ऐसा नहीं किया गया, तो कठोर कार्रवाई की जाएगी।

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इस जनसुनवाई में वित्तीय कंपनियों से जुड़ी कई शिकायतें सामने आईं। आयुक्त ने कहा कि ये कंपनियां जब एकमुश्त लोन देती हैं, तो कई बार लोन धारक समय पर किस्त नहीं चुका पाते। नतीजतन, फाइनेंस कंपनियां और प्रॉपर्टी दलाल उनकी संपत्तियों की नीलामी कर देते हैं। उन्होंने निर्देशित किया कि नीलामी से पहले लोन धारकों को छह माह का नोटिस दिया जाए, ताकि वे अपनी किस्तें चुकता कर सकें। उन्होंने सभी से अपील की कि लोन लेने से पहले फाइनेंस कंपनियों की अच्छी तरह जांच कर लें।

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आयुक्त ने यह भी कहा कि जनसुनवाई में लोग छोटी-छोटी समस्याओं के लिए नहीं आएं। उन्हें पहले संबंधित उपजिलाधिकारी, तहसील और ब्लॉक स्तर के अधिकारियों से अपनी समस्याओं का समाधान करवाना चाहिए। केवल तब जनसुनवाई में अपनी शिकायतें लाएं जब समस्या का समाधान न हो।